Holi Quaran In Hindi
Book Author Anonymous
Descriptionक़à¥à¤°à¤¾à¤¨' या क़à¥à¤°à¤†à¤¨ (अरबी : القرآن, अल-क़à¥à¤°à¥'आन) इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® की पवितà¥à¤°à¤¤à¤® पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है और इसà¥à¤²à¤¾à¤® की नींव है । इसे परमेशà¥à¤µà¤° (अलà¥à¤²à¤¾à¤¹) ने देवदूत (फ़रिशà¥à¤¤à¥‡) जिबà¥à¤°à¤¾à¤à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हज़रत मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ को सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ था। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का मानना हैं कि क़à¥à¤°à¤¾à¤¨ ही अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की à¤à¥‡à¤œà¥€ अनà¥à¤¤à¤¿à¤® और सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है।
क़à¥à¤°à¤¾à¤¨ का आवरण पृषà¥à¤
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पर à¤à¤• शृंखला का à¤à¤¾à¤—
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धारणाà¤à¤‚
अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ · अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की à¤à¤•à¤°à¥‚पता
मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ · इसà¥à¤²à¤¾à¤® के पैगमà¥à¤¬à¤°
रिवाज़
शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ का वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¯ · पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾
उपवास · दान · तीरà¥à¤¥
इतिहास तथा नेता
मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® इतिहास की तिथिरेखा
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इसà¥à¤²à¤¾à¤®
अहल अल-बायत · सहाबा
रशीदà¥à¤¨ खलीफा · शिया इमाम
पाठà¥à¤¯ तथा विधि
कà¥à¤°à¤¾à¤¨ · सà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¹ · हदीस
फिकह · शरिया
कलाम · तसवà¥à¤µà¥à¤«à¤¼ (सूफीवाद)
मà¥à¤–à¥à¤¯ शाखाà¤à¤‚
सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ · शिया
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ & समाज
शिकà¥à¤·à¤¾ · पशॠ· कलाà¤à¤‚
कैलेंडर · बचà¥à¤šà¥‡ · जनसांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€
तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° · मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‡à¤‚ · फलसफा
राजनीति · विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ · महिलाà¤à¤‚
इसà¥à¤²à¤¾à¤® à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ धरà¥à¤®
ईसाई · जैन
यहूदी · सिख
इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ देखें
इसà¥à¤²à¤¾à¤® की आलोचना
इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥‹à¤«à¥‹à¤¬à¤¿à¤¯à¤¾
· सूरा · à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‡à¤‚ ·
इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का शबà¥à¤¦ संगà¥à¤°à¤¹
इसà¥à¤²à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤° दरà¥à¤¶à¤¨ • वारà¥à¤¤à¤¾ • बदलें
इसà¥à¤²à¤¾à¤® की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° क़à¥à¤°à¤¾à¤¨ का अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ के दूत जिबà¥à¤°à¥€à¤² (जिसे ईसाइयत में गैबà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤² कहते हैं) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ साहब को सनॠ६१० से सनॠ६३२ में उनकी मृतà¥à¤¯à¥ तक खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ किया गया था। हालाà¤à¤•à¤¿ आरंठमें इसका पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° मौखिक रूप से हà¥à¤† पर पैगमà¥à¤¬à¤° मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ की मृतà¥à¤¯à¥ के बाद सनॠ६३३ में इसे पहली बार लिखा गया था और सनॠ६५३ में इसे मानकीकृत कर इसकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ में वितरित की गईं थी। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का मानना है कि ईशà¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‡à¤œà¥‡ गठपवितà¥à¤° संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश कà¥à¤°à¤¾à¤¨ में लिखे गठहैं। इन संदेशों का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ आदम से हà¥à¤† था। आदम इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ (और यहूदी तथा ईसाई) मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं में सबसे पहला नबी (पैगमà¥à¤¬à¤° या पयमà¥à¤¬à¤°) था और इसकी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® के मनॠसे à¤à¤• सीमा तक की जा सकती है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में मनॠकी संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इसà¥à¤²à¤¾à¤® में आदम की संतानों को आदम या आदमी कहा जाता है। आदम को ईसाईयत में à¤à¤¡à¤® कहते हैं।
à¤à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤µà¤¾à¤¦, धारà¥à¤®à¤¿à¤• आदेश, सà¥à¤µà¤°à¥à¤—, नरक, ‎‎धैरà¥à¤¯, धरà¥à¤® परायणता (तकà¥à¤µà¤¾) के विषय à¤à¤¸à¥‡ हैं जो बारमà¥à¤¬à¤¾à¤° दोहराठगà¤à¥¤ क़à¥à¤°à¤†à¤¨ ने अपने समय में à¤à¤• सीधे साधे, नेक वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को, जो अपने ‎परिवार में à¤à¤• à¤à¤°à¤ªà¥‚र जीवन गà¥à¤œà¤¼à¤¾à¤° रहा था, विशà¥à¤µ की दो महान शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समकà¥à¤· खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के अनपढ़ लोगों को à¤à¤¸à¤¾ सà¤à¥à¤¯ बना दिया कि पूरे विशà¥à¤µ पर ‎इस सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की छाप से सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ बाद à¤à¥€ इसके चिहà¥à¤¨ मिलते हैं । ‎क़à¥à¤°à¤†à¤¨ ने यà¥à¤§à¥à¤¦, शांति, राजà¥à¤¯ संचालन इबादत, परिवार के वे आदरà¥à¤¶ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ ‎किठजिसका मानव समाज में आज पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ है। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कà¥à¤°à¤†à¤¨ में दिठगठजà¥à¤žà¤¾à¤¨ से ये साबित होता है कि मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ साहब à¤à¤• नबी थे।